The
Sunni scholars as well as general
population, is aware that Molvi Ziaul
Mustafa Rizvi is the biggest fitna
of the present time. In order to
ascertain this fact, one can try this simple act. Visit any Sunni
gathering and say “ today,there is only
one man who is behind all this infighting among ahlus sunnah wal jama’at in India.” After uttering this
statement , stay quiet. You will find , every one has one name on his tongue
and that will be Molvi Ziaul Mustafa Rizvi! Readers can search our blogspot to know more about Molvi Ziaul Mustafa Rizvi. Readers might be amused to know
many years back during a public gathering, a madrasa student
sitting on the stage called Molvi Zia ul Mustafa as “ Muhadiith al Kabir” , since then the
Akhtari cult has used this title for Molvi Zia ul Mustafa!
On 24th
May 2016, a religious gathering called “
Muhaddith Al Kabir Conference” was organized
at Bhramarpura village in Nepal. The Conference was organized under the
banner of “ Al Jamia al Ridawiya Islah
al Muslimeen” , Mahottari District, Nepal
In the
last couple of years more and more scholars have come to know the cunning
nature of Molvi Zia ul Mustafa Ridawi so
he is being avoided. In order to get some respect, Molvi Zia ul Mustafa drafted
a Certificate of Award for self, entitled “
Amir al Mumineen fil hadith “ ! Molvi Zia al Mustafa then sent this certificate to some Molvis in Nepal and
requested them that they should invite him and bestow this award on him from their end! In this
way, Molvi Ziaul Mustafa and his followers can boast that vice president of
the Akhtari cult ( Ziaul Mustafa ) has been awarded an
award of “ Amir al Muminin fil hadith” from outside India! Every thing went as
per Plan. Molvi Ziaul Mustafa Rizvi was given this Award at Nepal . The
followers of Molvi Ziaul Mustafa started praising him on social media.
The madrasa “Al Jamia al Ridawiya Islah
al Muslimeen” which organized this function, is one of the member of the main
and largest Sunni scholars association
of Nepal,called “ All Nepal Sunni Jamiat al Ulama” . Some scolars from this largest body ( All Nepal Sunni Jamiat al
Ulama) were invited by the host madarsa ( Al Jamia al Ridawiya Islah al
Muslimeen) for this function. Later, when it was discovered that Molvi Zial ul
Mustafa has himself drafted the award
certificate and made request for that
certificate to be given to him, majority of the scholars from All Nepal Sunni
Jamiat al Ulama, went against this cheap act of Molvi Zia ul Mustafa Rizvi.
All Nepal Sunni Jamiat al Ulama,
called a meeting in which it was uninamoulsy decided that Molvi Ziaul Mustafa
has used cheap tricks in getting this award. Hence they cancelled the award and
called it null and void! The statement was released on the letter pad, can be
seen below. ( attached)
Readers should note that Molvi Zia
ul Mustafa is known for getting his hands kissed from ladies . It can be seen
in this video:
In future, may be some one will
share details about various marriages which took place in this madrasa!
Interesting stuff in pipeline, just wait.
...और मोलवी ज़ियाउल मुस्तफा रिज़वी साहब की चालबाज़ी फ़िर पकड़ी गयी!
अहले इल्म तो पहले ही से जानते थे लेकिन अब अक्सर अव्वाम
भी जान चुकी है की आज हिंदुस्तान में
अहले- सुन्नत में जो भी अंदुरुनी इख़्तलाफ है उसके पीछे मोलवी ज़ियाउल मुस्तफा रिज़वी साहब ही का हाथ है। अगर आप इस बात का यक़ीन करना
चाहते हैं तो इसका एक आसान तरीक़ा ये है की किसी भी अहले- इल्म हज़रात की महफ़िल में सिर्फ इतना कहिये की "
आज सुन्निओं के सारे इख़्तलाफ की वजह सिर्फ एक शख्स है " ... इतना कह कर ख़ामोश
हो जाएं और देखें लोगों की ज़ुबान पर किसका नाम आता है !
24 मई 2016 को ' अल जामीअतुल रिजविया इस्लाहुल मुस्लिमीन ' ( गांव ब्रह्मपुर , ज़िला महोतरी , नेपाल ) नाम की एक
तंज़ीम ने ' मुहद्दिस ए कबीर कॉन्फ्रेंस
' मुनअकिद किया। इस तंज़ीम में कुछ लोग मोलवी ज़ियाउल मुस्तफा रिज़वी साहब के शागिर्द
और मुरीद हैं। इसलिए उन लोगों ने इस
कॉन्फ्रेंस में शिरकत करने के लिए मोलवी ज़ियाउल
मुस्तफा रिज़वी साहब को दावत दी । आने से कुछ
दिन पहले मोलवी ज़ियाउल मुस्तफा रिज़वी साहब ने खुद
" अमीरुल मोमिनीन फिल हदीस अवार्ड " नाम का एक अवार्ड
तैयार किया और मदरसा अल जामीअतुल रिजविया इस्लाहुल मुस्लिमीन को रवाना करवा
दिया और साथ ही में ये भी दरख्वास्त की ,की मुझे कॉन्फ्रेंस
में इस अवार्ड से नवाज़ा जाए !
मोलवी ज़ियाउल मुस्तफा रिज़वी साहब के मंशे और मंसूबे के मुताबिक़ कॉन्फ्रेंस में उनको "अमीरुल मोमिनीन
फिल हदीस अवार्ड " से नवाज़ा गया। कुछ दिन बाद जब नेपाल की सबसे बड़ी सुन्नी उलमा की
तंज़ीम " ऑल नेपाल सुन्नी जमीयतुल उलमा
" को इस बात का इल्म हुआ तो उन्होंने
इस पर सख्त ऐतराज़ किया। इस तंज़ीम के कुछ नौजवान
मोलवियों ने बिना मशवरा किये इस कॉन्फ्रेंस में शिरकत किया और अवार्ड के लिए
अपनी रज़ामंदी दी थी। अल जामीअतुल रिजविया इस्लाहुल
मुस्लिमीन, जिस ने इस कॉन्फ्रेंस को मुनअकिद किया था , वो भी 'ऑल नेपाल सुन्नी जमीयतुल
उलमा' की एक रुक्न यानी मेंबर है।
ऑल नेपाल सुन्नी जमीयतुल
उलमा के तमाम बड़े उलमा व ज़िम्मेदारान ने इत्तेफ़ाक़ के साथ अपना फ़ैसला जारी करते हुए कहा की मोलवी ज़ियाउल
मुस्तफा रिज़वी साहब को दिया गया 'अमीरुल मोमिनीन फिल हदीस अवार्ड ' मसलूब व मंसूख क़रार दिया जा रहा है।
इस फ़ैसले को उन्होंने अपनी तंज़ीम के लेटरहेड पर जारी किया , जिसको नीचे देखा जा सकता है।
बड़े हैरत की बात है की जो लोग दुनिया की मुहब्बत दिल में बिठाए हैं और ना-महरम
लड़कियों से अपना हाथ चुमवाते हैं , आज वो "पीरी -मुरीदी
" का धंधा चला रहे हैं। अल्लाह ता'अला ऐसे लोगों से हम सब की हिफाज़त फरमाए।
आमीन
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