The Abusive Language of Asjad Raza Rizvi
Most people are aware about the activities and habit of Asjad Raza, the son of Maulana Akhtar Raza Azhari Ridawi. Last year Asjad Raza lead a funeral prayer at the city of Sambhal in India, where people witnessed that he does not know how to perform a funeral prayer.
The dispute between Hashamtis and Akhtaris is known to all .We have discussed earlier that Akhtari sect is now divided into two sub-sects. The first sub sect is lead by the founder of the sect, Maulana Akhtar Raza Azhari Rizvi, while the second sub sect is lead by Maulana Idress Hashmati and his two sons. Hashmatis often give out the slogan “We will propagate and publicise Fatwa Ridawiya” (Hum Fatwa rizaviya aam karegein) .
On 3rd or 4th of April 2016, Asjad Raza delivered a speech at Mumbai in which he refuted this Hashmati slogan. Asjad Raza said that the slogan Hum Fatwa rizaviya aam karegein makes a person go astraty and hence it should not be shouted. Salim Hashmati, a young sunni boy recorded this speech and made it viral on social media.
Some youths called up Molvi Hussaini Nagpuri and asked his opinion about this slogan. He replied that this slogan is not only good but should be shouted in every gathering. The youths then asked Molvi Hussaini Nagpuri about those who say that this slogan should not be shouted. Molvi Hussaini replied that those who are against shouting this slogan are astray! The youths recorded this conversation on phone and spread it on social media! Asjad Raza was in trouble as people started making fun of him!
Next day Asjad Raza released a new audio clip stating that what he meant was that those who do not understand fatwa ridawiya, they should not shout the slogan “Hum Fatwa rizaviya aam karegein”. When Molvi Hussaini Nagpuri came to know that the son of his cult founder (Maulana Akhtar Raza Azhari Rizvi) is being called ‘astray’ because of his view, he immediately did tawba and gave a second opinion in which he fully agreed with the view of Asjad Raza! Most people of knowledge know that Molvi Hussaini Nagpuri is a habitual liar. Off late, due to his old age, he has lost his senses and is known to suffer from memory loss. Often youths call him on his phone for time pass and fun, asking his views on religious matters. The conversation is recorded and then uploaded on internet, social media, where people enjoy! People know that Molvi Zia al Mustafa, Molvi Hussaini Nagpuri, Molvi Akhtar Hussain Aleemi, Molvi Shamshad Badayuni and many others do not give verdict as per shariah; rather their prime motive is to defend their cult and cult members. Some members of the Akhtati cult, in the hope of being rewarded with the khilafat of cult founder, gave their opinions supporting Asjad Raza.
Meanwhile, Salim Hashmati, made it
clear that even if “miyan sahab” (that is Asjad Raza) objects to the
slogan Hum Fatwa
rizaviya aam karegein, he will
continue with this slogan. Asjad Raza, became angry with this. He called up
Salim Hashmati and not only abused him very badly but also threatened him.
This foul and abusive language can
be heard at the below mentioned web link
It is normal for Akhtari cult
members to use foul and abusive language. Molvi Zia al Mustafa, Molvi Anees
Alam Siwani and Asjad Raza are knows for using cheap, abusive and foul
language.
Some members of the Akhtari cult are
of the view that Asjad Raza is best suited to sit on internet for hours. He
should not join to system of initiating spiritual oath of allegiance; others
are planning to fabricate some dream and miracle through which Asjad Raza can
be called a “pious man”!
In sha Allah, we will continue to
expose Akhtari cult.
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असजद रज़ा रिज़वी की गाली गलौज
मौलाना अख्तर रज़ा अख्तरी रिज़वी के बेटे असजद रज़ा की हरकतों से अक्सर लोग वाक़िफ़ हैं। असजद रज़ा के इल्मी मयार को जानना है तो संभल शहर के मुसलमानों से मिला जा सकता है ,जहाँ बड़ी तादाद में मुसलमानों ने देखा देखा की असजद रज़ा को जनाज़े की नमाज़ पढ़ाने नहीं आती।
हशमतियों और अख्तरियों के बीच चल रही लड़ाई से सभी लोग वाक़िफ़ हैं। हशमती हज़रात अपने जलसों में अक्सर नारा लगाते हैं की " फतवा रिजविया आम करेगें " ।
3 या 4 अप्रैल 2016 को मुंबई में हशमतियों का रद्द करते हुए असजद रज़ा ने कहा की " फतवा रिजविया आम करेगें " ये नारा गुमराहियत की तरफ ले जाने वाला है। सलीम हशमती नाम के एक नौजवान सुन्नी ने असजद रज़ा के इस बयान को रिकॉर्ड कर के सोशल मीडिया के ज़रिये आम कर दिया। कुछ नौजवान सुन्नी मुसलमानो ने नागपुर के मोलवी हुसैनी मियाँ से फ़ोन कर के पूछा की " फतवा रिजविया आम करेगें " का नारा लगाना कैसा है? मोलवी हुसैनी नागपुरी ने कहा की ये नारा बिलकुल ठीक हैं। मोलवी हुसैनी नागपुरी से अगला सवाल किया गया की जो शख्स इस नारे को " गुमराहियत " वाला नारा कहे उसके बारे में क्या हुक्म है? मोलवी हुसैनी नागपुरी ने कहा की ऐसा शख्स खुद गुमराह है ! मोलवी हुसैनी नागपुरी के इस बयान के मुताबिक उनके फ़िरक़े के बानी ( मौलाना अख्तर रज़ा अजहरी रिज़वी ) का बेटा गुमराह है। सोशल मीडिया पर मोलवी हुसैनी नागपुरी के इस बयान की वजह से असजद रज़ा की खूब खिल्ली उड़ाई गयी। असजद रज़ा ने अपना एक नया बयान जारी करते हुए कहा की " गुमराहियत " से उनका मतलब ये था की जो लोग फतवा रिजविया बिना समझे उसको आम करने की बात करते हैं ऐसे लोग " फतवा रिजविया आम करेगें " का नारा लगा कर लोगों को गुमराही की तरफ बुला रहे हैं।
जब मोलवी हुसैनी नागपुरी को इस बात का इल्म हुआ कि उनके बयान की रोशनी में असजद रज़ा गुमराह कहलाए जा रहे हैं तो उन्होंने अगले दिन फ़ौरन अपने बयान से तौबा करते हुए एक नया बयान जारी करते हुए कहा की असजद रज़ा का बयान बिलकुल ठीक है ! ये बात किसी से छिपी नहीं है की अख्तरी फ़िरक़े के मोलवी मसलन मोलवी जिआ उल मुस्तफ़ा ,मोलवी हुसैनी नागपुरी, मोलवी अख्तर हुसैन अलीमी , मोलवी शमशाद बदायूनी शरीअत की खातिर नहीं बल्कि अपने फ़िरक़े और उसके बानी के तहफ़्फ़ुज़ के लिए फतवा देते हैं। जहाँ तक मोलवी हुसैनी नागपुरी का सवाल है तो तमाम अहले इल्म को मालूम है उन्होंने कई मामलों में सफ़ेद झूट बोला है । पिछले कई सालों से मोलवी हुसैनी नागपुरी अपना दिमागी तवाज़ुन खो बैठे हैं , जिसकी वजह से उनकी तज़ाद बयानी और भुलक्कड़पन मशहूर है। अक्सर नौजवान बच्चे मसखरे और मज़े के लिए उनको फ़ोन करके उनकी राय पूछते हैं। फिर सोशल मीडिया पर हुसैनी नागपुरी की खूब खिल्ली उड़ाई जाती है।
असजद रज़ा के बयान के बाद अख्तरी फ़िरक़े में काफी बेचैनी महसूस होने लगी। कई अख्तरियों को ये समझ में नहीं आ रहा था की " " फतवा रिजविया आम करेगें " के नारे को आखिर असजद रज़ा ने " गुमराहियत " वाला नारा क्यों कहा है ? खैर, अख्तरियों के पास कोई चारा न था सिवाए इसके की अपने फ़िरक़े के बानी के बेटे की बात को मान लिया जाए! कुछ अख्तरियों ने खिलाफत मिलने की लालच में असजद रज़ा की हिमायत में ऑडियो बयान भी जारी किए !
दूसरी तरफ सलीम हशमती ने सोशल मीडिया पर असजद रज़ा के बयान को खूब फैलाया और कहा की "( असजद ) मियां साहब जो कहें, हम तो फतवा रिजविया आम करेगें " का नारा लगाते रहेगें। सलीम हशमती की इस हरकत से असजद रज़ा बहुत गुस्से में आये और फ़ोन करके सलीम हशमती से न सिर्फ खूब गाली गलोज की बल्कि धमकी भी दी। इस पूरी गाली गलोज वाली गुफ्तुगू को नीचे दिए हुए वेबलिंक पर सुना जा सकता है।
हशमतियों और अख्तरियों के बीच चल रही लड़ाई से सभी लोग वाक़िफ़ हैं। हशमती हज़रात अपने जलसों में अक्सर नारा लगाते हैं की " फतवा रिजविया आम करेगें " ।
3 या 4 अप्रैल 2016 को मुंबई में हशमतियों का रद्द करते हुए असजद रज़ा ने कहा की " फतवा रिजविया आम करेगें " ये नारा गुमराहियत की तरफ ले जाने वाला है। सलीम हशमती नाम के एक नौजवान सुन्नी ने असजद रज़ा के इस बयान को रिकॉर्ड कर के सोशल मीडिया के ज़रिये आम कर दिया। कुछ नौजवान सुन्नी मुसलमानो ने नागपुर के मोलवी हुसैनी मियाँ से फ़ोन कर के पूछा की " फतवा रिजविया आम करेगें " का नारा लगाना कैसा है? मोलवी हुसैनी नागपुरी ने कहा की ये नारा बिलकुल ठीक हैं। मोलवी हुसैनी नागपुरी से अगला सवाल किया गया की जो शख्स इस नारे को " गुमराहियत " वाला नारा कहे उसके बारे में क्या हुक्म है? मोलवी हुसैनी नागपुरी ने कहा की ऐसा शख्स खुद गुमराह है ! मोलवी हुसैनी नागपुरी के इस बयान के मुताबिक उनके फ़िरक़े के बानी ( मौलाना अख्तर रज़ा अजहरी रिज़वी ) का बेटा गुमराह है। सोशल मीडिया पर मोलवी हुसैनी नागपुरी के इस बयान की वजह से असजद रज़ा की खूब खिल्ली उड़ाई गयी। असजद रज़ा ने अपना एक नया बयान जारी करते हुए कहा की " गुमराहियत " से उनका मतलब ये था की जो लोग फतवा रिजविया बिना समझे उसको आम करने की बात करते हैं ऐसे लोग " फतवा रिजविया आम करेगें " का नारा लगा कर लोगों को गुमराही की तरफ बुला रहे हैं।
जब मोलवी हुसैनी नागपुरी को इस बात का इल्म हुआ कि उनके बयान की रोशनी में असजद रज़ा गुमराह कहलाए जा रहे हैं तो उन्होंने अगले दिन फ़ौरन अपने बयान से तौबा करते हुए एक नया बयान जारी करते हुए कहा की असजद रज़ा का बयान बिलकुल ठीक है ! ये बात किसी से छिपी नहीं है की अख्तरी फ़िरक़े के मोलवी मसलन मोलवी जिआ उल मुस्तफ़ा ,मोलवी हुसैनी नागपुरी, मोलवी अख्तर हुसैन अलीमी , मोलवी शमशाद बदायूनी शरीअत की खातिर नहीं बल्कि अपने फ़िरक़े और उसके बानी के तहफ़्फ़ुज़ के लिए फतवा देते हैं। जहाँ तक मोलवी हुसैनी नागपुरी का सवाल है तो तमाम अहले इल्म को मालूम है उन्होंने कई मामलों में सफ़ेद झूट बोला है । पिछले कई सालों से मोलवी हुसैनी नागपुरी अपना दिमागी तवाज़ुन खो बैठे हैं , जिसकी वजह से उनकी तज़ाद बयानी और भुलक्कड़पन मशहूर है। अक्सर नौजवान बच्चे मसखरे और मज़े के लिए उनको फ़ोन करके उनकी राय पूछते हैं। फिर सोशल मीडिया पर हुसैनी नागपुरी की खूब खिल्ली उड़ाई जाती है।
असजद रज़ा के बयान के बाद अख्तरी फ़िरक़े में काफी बेचैनी महसूस होने लगी। कई अख्तरियों को ये समझ में नहीं आ रहा था की " " फतवा रिजविया आम करेगें " के नारे को आखिर असजद रज़ा ने " गुमराहियत " वाला नारा क्यों कहा है ? खैर, अख्तरियों के पास कोई चारा न था सिवाए इसके की अपने फ़िरक़े के बानी के बेटे की बात को मान लिया जाए! कुछ अख्तरियों ने खिलाफत मिलने की लालच में असजद रज़ा की हिमायत में ऑडियो बयान भी जारी किए !
दूसरी तरफ सलीम हशमती ने सोशल मीडिया पर असजद रज़ा के बयान को खूब फैलाया और कहा की "( असजद ) मियां साहब जो कहें, हम तो फतवा रिजविया आम करेगें " का नारा लगाते रहेगें। सलीम हशमती की इस हरकत से असजद रज़ा बहुत गुस्से में आये और फ़ोन करके सलीम हशमती से न सिर्फ खूब गाली गलोज की बल्कि धमकी भी दी। इस पूरी गाली गलोज वाली गुफ्तुगू को नीचे दिए हुए वेबलिंक पर सुना जा सकता है।
https://www.youtube.com/watch?v=xh2c37_6k84
वैसे तो ये बात सब को मालूम है की अख्तरी फ़िरक़े के लोग गाली गलोज के बिना गुफ्तुगू कर ही नहीं सकते हैं , लेकिन मोलवी जिआ उल मुस्तफा , मोलवी अनीस आलम सिवानी और असजद रज़ा अपनी गाली के लिए ज़्यादा बदनाम हैं। इस गाली गलोज वाली फ़ोन की बातचीत आम हो जाने के बाद लोग सवाल कर रहें हैं की इस तरह गाली देने वाला इंसान किस तरह लोगों को मुरीद बनाएगा ? आखिर मुस्तक़बिल में असजद रज़ा पीरी-मुरीदी भी तो करेगें ! कई लोगों का ये भी कहना है की असजद रज़ा पीरी -मुरीदी के क़ाबिल हैं ही नहीं , वो तो सिर्फ रात भर इंटरनेट इस्तेमाल करना जानते हैं। वहीं कुछ वफादार अख्तरियों ने असजद रज़ा को " बुज़र्ग " साबित करने लिए कुछ " करामात" और " ख्वाब" बयान करने का इरादा किया है जिस से असजद रज़ा की हरकतों पर पर्दा डाला जा सके। वैसे अखतरी फ़िरक़े में झूठ और फरेब को छिपाने के लिए "जाली करामातों " का अक्सर बयान किया जाता है।
असजद रज़ा ने कई मर्तबा सादात- ए - कराम की भी गुस्ताखी की है। असजद रज़ा को अपने बेटे की पैदाइश याद करनी चाहिए और ऐसी गन्दी हरकतों से बाज़ आना चाहिए।
इन शा अल्लाह , अख्तरी फ़िरक़े का ऑपरेशन जारी रहेगा।
असजद रज़ा ने कई मर्तबा सादात- ए - कराम की भी गुस्ताखी की है। असजद रज़ा को अपने बेटे की पैदाइश याद करनी चाहिए और ऐसी गन्दी हरकतों से बाज़ आना चाहिए।
इन शा अल्लाह , अख्तरी फ़िरक़े का ऑपरेशन जारी रहेगा।
https://www.youtube.com/watch?v=btuL_LKCJzY
ReplyDeletewhat about this?
Shukriya.See here
Deletehttp://ridawis.blogspot.in/2016/06/ziaul-mustafa-with-girls-kissing-his.html
Fitna e Azeem
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